यूके और भारत ने नई और महत्वाकांक्षी प्रौद्योगिकी साझेदारी पर दी सहमत�
भारत और यूके के बी� हु� इस साझेदारी के तह� यूके के विभिन्� क्षेत्रो� मे� स्थापि� व्यवसायो�, विश्वविद्यालयो� और अन्य इकाईयो� को भारती� राज्यो� के सा� जोड़� जाएगा।

Prime Minister Modi with DCMS Secretary of State Matt Hancock
यूके और भारत के बी� हु� इस महत्वाकांक्षी साझेदारी की मद� से यूके मे� हज़ारो� नई नौकरियां और एक अच्छ�-ख़ास� निवे� की संभावनाए� पैदा होने की उम्मी� है�
प्रधानमंत्री टरीसा मे और प्रधानमंत्री मोदी ने आज इस साझेदारी पर समझौता किया, जिसक� अंतर्ग� यूके, एक नई यूके-भारत प्रौद्योगिकी साझेदारी (टे� पार्टनरशिप) स्थापि� करेग� और इस माध्यम से दोनो� देशो� की व्यवसायो�, वेंच� कैपिटल, विश्वविद्यालयो� और अन्य इकाईयो� को सा� लाया जाएग� और ब्रिटि� एं� भारती� ऑन्त्रप्रन्योर्स के सा�-सा� छोटे और मध्य� स्तरी� एंटरप्राइज़ेज़ के लि� दोनो� ही देशो� के बाज़ार के रास्ते खोले जाएंगे�
यूके-इज़राय� टेकह� साझेदारी की बदौल� पिछल� पांच सालो� मे� 62 मिलियन यूरो के सौदे हो चुके है�. और सा� ही यूके की अर्थव्यवस्था को 600 मिलियन यूरो का संभावि� ला� हु� है� दोनो� देशो� के बी� इस साझेदारी की सफलत� के फलस्वरूप ही भारत और यूके के बी� तकनीकी साझेदारी की नींव रखी गई�
सबसे ताज़� आंकड़ो� के मुताबिक़, यूके ने 2015 मे� भारत को 358 मिलियन यूरो की डिजिटल सुविधाएं मुहैया कराईं।
इन आंकड़ो�, यूके-इज़राय� टे� हब और भारती� अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर सरका� का मानन� है कि इस मुहि� से यूके की अर्थव्यवस्था को बड़ी तेज़ी मिलेगी� ऐस� माना जा रह� है कि यूके-भारत प्रौद्योगिकी साझेदारी की मद� से आन� वाले कु� सालो� मे� यूके के प्रौद्योगिकी सेक्टर मे� हज़ारो� नौकरियां पैदा होंगी�
डिजिटल सेक्रेटरी मै� हैंकॉक ने कह�:
दुनिया की प्रमुख डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं मे� शुमा� यूके की डिजिटल अर्थव्यवस्था का सालाना आकलन 116 बिलियन यूरो का है, जिसमें 20 ला� (2 मिलियन) से ज़्याद� लोगो� को रोज़गा� मि� रह� है�
हम इस सफलत� को जारी रखने के लि� प्रतिबद्� है� और यूके-भारत के बी� हु� इस प्रौद्योगिकी साझेदारी के माध्यम से दोनो� देशो� मे� का� कर रही� तकनीकी प्रतिभाओ� को सा� लाकर भविष्य मे� विका� की संभावनाओ� को भुनाया जाएग� और दोनो� ही देशो� मे� उच्च-स्तरी� कौशल आधारित नौकरियां और आर्थिक विका� सुनिश्चि� किया जाएगा।
शुरूआत मे� यूके इस साझेदारी के अंतर्ग� 1 मिलियन यूरो का निवे� करेग� और 2022 तक इस निवे� के 13 मिलियन यूरो तक बढ़न� की संभावन� है�
नेटवर्� स्थापि� करने के लि� ब्रिटे� अपने विशेषज्ञों को नई दिल्ली स्थिति ब्रिटि� उच्चायोग, भारत सरका� और भारती� प्राइवेट सेक्टर के सा� मिलक� का� करने के लि� निर्दे� देगा ताकि प्रौद्योगिकी निवे�, निर्या�, शो� एं� विका� (रिसर्च ऐं� डिवेलपमेंट) को बढ़ावा मि� सके।
छोटी-छोटी क्षेत्री� टीमो� की मद� से भारत और यूके के कु� चुनिंद� क्षेत्रो� और शहरो� के बी� संपर्क स्थापि� किया जाएगा।
यह साझेदारी, यूके और भारत मे� स्थापि� व्यवसायो� को, आधुनिक तकनीको�, परामर्� (मेंटरिंग) संबंधी रिश्तो� के विका� और स्टाफ़ एक्सचेंज के मुद्दो� पर आपसी सहयो� बढ़ाने के लि� प्रेरि� करेगी� क्षेत्री� टीमे� यह भी सुनिश्चि� करेंगी कि दोनो� देशो� के तकनीकी सेक्टरों पर इसका उपयुक्� प्रभाव पड़े और एक क्षेत्� के सफ� दृष्टिको� को दूसर� क्षेत्रो� द्वारा भी अपनाया जा सके।
साझेदारी के शुरूआती चर� मे� यूके, महाराष्ट्र के पुणे के सा� संपर्क स्थापि� करेग� और कम उत्सर्जन करने वाले और स्वचालित वाहनों, बैटरी स्टोरे� और हल्क� वाहनों के निर्मा� के समेत मोबिलिटी के भविष्य पर ध्या� केंद्रित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कर्नाट� के बेंगलुरु के सा� भी संपर्क बनाए जाएंगे और ऑगमेंटेज रिएलिटी, अडवांस्ड मटीरियल्स और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस आद� क्षेत्रो� पर फ़ोक� किया जाएगा।
यह साझेदारी संभावि� आकलन जितनी ही सफ� भी है� इस साझेदारी के अंतर्ग�, यूके और भारत मे� स्थापि�, अपने-अपने क्षेत्रो� मे� विशेषज्ञता रखने वाले अन्य क्षेत्रो� को भी सा� लाया जा सकता है�
इसके सा�-सा�, भारत और यूके की टे� ट्रे� असोसिएशन्स टे� यूके और नासकॉम (NASSCOM) भी, एक नए यूके-इंडिया टे� अलायंस के अंतर्ग� सा� मिलक� का� करेंगी; और सीनियर टे� लीडर्स को आपसी सहयो� के लि� सा� लाएंगी� दोनो� ही संगठ�, नीति निर्मा� और नवोन्मेष को बढ़ावा देने मे� सहयो� देंगी�
2016 मे� भारत मे� प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी सम्मेल� मे� हिस्सा लिया और इसके बा� अब भारत और यूके दूसरी यूके-इंडिया टे� समिट आयोजित करान� के लि� प्रतिबद्� हैं। इसके माध्यम से दोनो� ही देशो� के तकनीकी सेक्टरों के बड़े निवेशक और वैज्ञानि� सा� � सकेंगे और डेटा प्राइवेसी समेत टे� गवर्नेंस के मुद्दो� पर गंभीरत� से विचा� कर सकेंगे�
अंतरराष्ट्री� व्यापा� विभा�, नई दिल्ली मे� एक यूके सायब� सिक्यॉरिटी इंडस्ट्री एक्सपर्ट भी नियुक्� करेग�, जो ब्रिटि� विशेषज्ञता को साझा करने के सा�-सा� भारत के प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर संगठनो� को यूके की अग्रणी कंपनियों के सा� जोड़ेग�, जो उनकी विशे� ज़रूरतों को पूरा कर सकती हैं।
जुलियन डेवि� (सीईओ, टे� यूके) ने कहाः
यह दोनो� ही देशो� मे� तकनीकी व्यवसायो� से जुड़� लोगो� के लि� एक बेहद महत्वपूर्ण साझेदारी है� डिजिटल तकनी� के इस्तेमाल और विका� के मामल� मे� यूके और भारत दोनो� ही अग्रणी दे� है� और ऐसी बहुत सी चीज़ें है�, जो हम एक-दूसर� से सी� सकते है� और इनोवेश� के क्षेत्� मे� सा� मिलक� बड़े अवसर पैदा कर सकते हैं।
भारत, यूके का एक अह� रणनीति� साझेदा� भी है और भारत के विश्�-स्तरी� डिजिटल स्किल्� हैं। अपने रिश्तो� को प्रगाढ� करके, हम दोनो� ही देशो� मे� व्यापा� के लि� बड़े मौके पैदा कर सकेंगे और दोनो� ही देशो� के समाज और नागरिकों की बेहतरी के लि� तकनी� का बेहत� से बेहत� प्रयोग सुनिश्चि� कर सकेंगे�
इस साझेदारी की मद� से हमारी सरका� को यूके की औद्योगिक रणनीति, के सम� खड़ी� बड़ी चुनौतियो� से पा� पाने मे� मद� मिलेगा और सा� ही, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, डेटा इकॉनमी, क्ली� ग्रो� और सबसे मुख्� रूपर से मोबिलिटी के भविष्य के क्षेत्रो� मे� यूके को आग� लाने मे� भी मद� मिलेगी�
इस साझेदारी की मद� से यूके की डिजिटल रणनीति सीधे भारत के डिजिटल सेक्टर तक पहुं� सकेगी� यह साझेदारी, भारत और यूके को एक वैश्वि� सहयोगी और एक-दूसर� के देशो� मे� इच्छानुसार तकनीकी पहुं� को स्थापि� करेगी� यूके के टेलिकॉ� और टे� सेक्टरों मे� करी� 110,000 भारती� कर्मचारी कार्यर� है� और इस हिसा� से यूके टे� इंडस्ट्री मे� भारत का निवे� लगभग 30 प्रतिश� का बनता है�
यूके-भारत आधुनिक उत्पाद� केंद्र स्थापि� करने के पहले चर� के रू� मे� यूके और भारत संयुक्� रू� से एक स्टडी भी आयोजित कराएंग�, जिसक� माध्यम से हमारी विस्तृ� सप्लाई चे�-नेटवर्� के ज़रि� भारत और यूके दोनो� ही को ला� होगा�
पुणे और बेंगलुरु के लि� यूके ने सुपर प्रयॉरिटी वीज़� (एसपीवी) की घोषण� भी कर दी है� एसपीवी एक पे�-सर्विस है, जिसक� ज़रि� ग्राहक, निर्धारि� भुगतान के बा� 24 घंटो� के भीतर ही वीज़� प्राप्� कर सकते हैं। इन दो शहरो� के जुड़ने के बा� अब भारत के कु� पांच शहरो� के लि� यूके सुपर प्रयॉरिटी वीज़� की सुविधा देता है�
यूके और भारत के बी� तकनीकी साझेदारी के सा�-सा�, प्रधानमंत्री टरीसा मे और प्रधानमंत्री मोदी ने 1 बिलियन यूरो की नई कॉमर्शिय� डील्� पर भी मुहर लगाई�
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